एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से दे दिया इस्तीफा

एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से दे दिया इस्तीफा, फडणवीस का सीएम बनना हुआ तय

महाराष्ट्र राज्य विधानसभा का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है

 

Maharastra New CM: महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस गहरा होता जा रहा है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले महायुती गठबंधन ने राज्य चुनाव में अपनी शानदार जीत के बाद शीर्ष पद पर विचार विमर्श किया है। महाराष्ट्र राज्य विधानसभा का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री पद से हटने के साथ ही राजनीतिक क्षेत्र में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। देखना यह दिलचस्प होगा कि कौन बनेगा महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री?

 

फडणवीस का पलड़ा भारी

 

भारतीय जनता पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पीछे खड़ी है यानि भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र का बागडोर संभाले, लेकिन वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे की शिवसेना के विधायक शिंदे की समर्थन में डटे हुए हैं। इस रंजिश को और बढ़ते हुए अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कथित तौर पर फडणवीस के पीछे अपना समर्थन जताया है। 132 बीजेपी विधायको जिन में 57 शिवसेना के और 41 एनसीपी के हैं, के साथ बीजेपी का 288 सदस्यों वाली विधानसभा में 145 सीटों के बहुमत के आंकड़ों को पार करने के लिए केवल एक सहयोगी के समर्थन की आवश्यकता है। इस मुख्यमंत्री पद की लड़ाई में शिंदे की ताकत को काफी कम कर देता है।चर्चाओं की तेज होने के साथ ही शिवसेना नेताओं ने मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के बाहर शक्ति प्रदर्शन की योजना बनाई हालांकि शिंदे ने कुछ संयम बरतने की अपील की है। शिंदे ने एक्स पर लिखा है कि महायुति गठबंधन की शानदार जीत के बाद राज्य में एक बार फिर हमारी सरकार बनेगी। मैं सभी से अपील करता हूं कि वह इस तरह से मेरे समर्थन में इकट्ठा ना हो उन्होंने भारी समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।

 

क्या फिर कांग्रेस के साथ मिल जाएगी शिवसेना?

हालांकि मुख्यमंत्री पद को लेकर जो घमासान महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है वह कहीं ना कहीं 2019 के चुनाव के बाद के ड्रामे की याद दिलाता है, जब भाजपा और अविभाजित शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद हुआ जिसके कारण शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर सरकार बना ली थी। शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के कारण वह सरकार गिर भी गई थी, जिससे शिवसेना में फूट पड़ गई थी। अब 5 साल बाद शिंदे खुद को इसी तरह कि इस अनिश्चित स्थिति में देख रहे हैं। 2019 के विपरीत बीजेपी एनसीपी के समर्थन की बदौलत सरकार बनाने के लिए शिवसेना पर निर्भर नहीं है। इससे शिंदे के पास सौदेबाजी की सीमित शक्ति रह जाती है हालांकि वह मुख्यमंत्री पद के लिए बातचीत कर सकते हैं। सभी की तरफ से केवल एक ही बात सुनने को मिल रही है कि यदि शिंदे मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं तो उन्हें फडणवीस के अधीन काम करना होगा जो की काफी निराशाजनक है।